* न्यायिक पुनरावलोकन - अर्थ एवं प्रकृति :-
न्यायिक पुनरावलोकन का तात्पर्य न्यायालयों उस शक्ति से है जिसके अंतर्गत व्यवस्थापिका के उन कानूनों को असंवैधानिक या अमान्य घोषित कर सकते हैं जो उनके मतानुसार सविधान के प्रतिकूल हो | न्यायालय इसके अंतर्गत कार्यपालिका के उन आदेशों को भी अवैध करार दे सकते हैं जो कि उन कानूनों के आधार पर उसके द्वारा बनाए गए हो और इस प्रकार संविधान के प्रतिकूल हो न्यायिक पुनरावलोकन शक्ति के आधीन न्यायपालिका संविधान की व्याख्या करती है और कानूनों तथा प्रशासनिक आज्ञाओ की वैधानिकता निर्णय करती है |
* परिभाषा :-
न्यायिक पुनरावलोकन की राजनीति शास्त्रियों ने विविध परिभाषाएं की है |
मेक्रेडिस एवं ब्राउन :-
मेक्रेडिस एवं ब्राउन के शब्दो मे पुनरावलोकन का संक्षेप मे आशय न्यायाधीशों की उस शक्ति से है जिसके अधीन वे उच्चतर कानून के नाम पर संविधियो तथा आदेशों की व्याख्या कर सके और संविधान में विरुद्ध पाने पर उन्हें अमान्य ठहरा सकें |
* ऐतिहासिक सिंहावलोकन :-
कानून की व्याख्या करने वाली एक स्वतंत्र न्यायपालिका के विचार का उद्गम हम इंग्लैंड में पाते हैं कोक तथा 17 वी शताब्दी के अन्य विचारों ने जो कानून की सर्वोच्चता के समर्थक थे न्यायालयों के इस अधिकार का समर्थन किया था कि वह ( common law ) के अनुसार संसदीय अधिनियम की व्याख्या कर सकते हैं कोक का राजा जेम्स के साथ संघर्ष को कि के इसी विषय पर आधारित था कि इंग्लैंड के न्यायालयों को वे निर्णय देने का अधिकार है कि संसद का कोई कानून वैधानिक है अथवा नहीं
किंतु 17 वी सदी के पश्चात इंग्लैंड में कानून निर्मात्री संस्था के रूप में संसद की पूर्ण सर्वोच्चता के विचार को अपनाया गया और इसी कारण न्यायिक पुनरावलोकन का विचार इंग्लैंड में स्थापित नहीं हो सका कालानर में इंग्लैंड में से संवैधानिक चरित्र तथा परंपराओं ने इतनी गहराई से जड़े जमा ली कि उन्हें न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति का अभाव भी महसूस नहीं हुआ इसके विपरीत अमेरिकी संघ का निर्माण विभिन्न राज्यों से मिलकर हुआ था और संघ की स्थापना के बाद भी संघ और राज्यों के बीच तथा परस्पर राज्यों के बीच विवाद उत्पन्न होने की आकांक्षाएं थी |
* संयुक्त राज्य अमेरिका में न्यायिक पुनरावलोकन :- ( judicial review in u. S. A. ) :-
न्यायिक पुनरावलोकन की स्थिति का सर्वोत्तम उदाहरण संयुक्त राज्य अमेरिका में देखने को मिला है अमेरिका में न्यायलय के अत्यधिक प्रभाव एवं कांग्रेस तथा राज्यों की विधायकों के कानूनों तथा अन्य प्रशासनिक आज्ञाओ की वैधानिकता अवैधानिकता का निर्णय करती है वहां पर सर्वोच्च न्यायालय ही नहीं अन्य उच्च न्यायालय को भी इस पर्सन पर निर्णय देने का अधिकार है ईरानी का कोई कानून संविधान के अनुकूल है या नहीं लेकिन संघीय संविधान के विरुद्ध होने के सब अभीयोगों का अंतिम निर्णय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किया जाता है |
( 1 ) न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति का संवैधानिक आधार:-
इस बात पर बहुत अधिक विवाद है कि अमेरिका में सर्वोच्च न्यायालय की न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति का कोई संवैधानिक आधार है अथवा नहीं एक पक्ष का विचार है कि इसकी कोई वैधानिक आधार नहीं है और सर्वोच्च न्यायालय ने मनमाने तरीके से यह सभी अपने हाथ में ले ली है संविधान सभा के एक प्रमुख सदस्य और बाद में राष्ट्रीय पति जेफरसन मैं तो स्पष्ट का था |
( 2 ) न्यायिक पुनरावलोकन की आलोचना:-
सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय राजनीति से प्रेरित हैं यह तो माना जा सकता है कि सर्वोच्च न्यायालय की वैधानिकता के आधार पर कानूनों पर विचार करने का अधिकार प्राप्त होना चाहिए किंतु वस्तु स्थिति यह है कि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीश वैधानिक निर्णय देते हुए उन्हें अपने राजनैतिक विचारधारा से रंग देते हैं इस संबंध में कहा जाता है कि केवल काला लबादा और लेने में ही कोई व्यक्ति राजनीति से मुक्त नहीं हो जाता है न्यायाधीशों के निर्णय आर्थिक और राजनैतिक विचारधारा पर आधारित होते हैं इसका परिणाम यह है कि न्यायिक नैनों में परिवर्तन होते हैं |
इस आधार पर भी आलोचना की जाती है कि सर्वोच्च न्यायालय ने इस शक्ति के प्रयोग में सामान्यता प्रतिक्रियावादी और रूढ़िवादी का का ही परिचय दिया है सर्वोच्च न्यायालय आयकर व्यवस्था न्यूनतम वेतन उद्योगों में काम करने वाले मजदूरों के काम के घंटे निश्चित करने में दास प्रथा को समाप्त करने से संबंधित प्रगतिशील विधायकों को रद्द कर प्रगतिशीलता मैं बाधक बना है|
( 3 ) न्यायिक पुनरावलोकन का अमेरिकी संविधान ने व्यवस्था पर प्रभाव और महत्व:-
सिद्धांत में न्यायिक पुनरावलोकन के संवैधानिक आधार से चुनौती दी गई है और उसकी अन्य आलोचनाएं भी की गई है किंतु व्यवहार में 1801 ई से लेकर आज तक न्यायिक पुनरावलोकन प्रचलित राहे तथा इसने अमेरिकी संविधान एक व्यवस्था के 1 मूल आधार की स्थिति प्राप्त कर ली है अमेरिकी संविधान व्यवस्था में न्यायिक पुनरावलोकन का विशिष्ट महत्व है
सर्वप्रथम अमेरिकी संविधान निर्माताओं द्वारा जिस सीमित शासन की कल्पना की गई थी उसे न्यायिक पुनरावलोकन के आधार पर ही प्राप्त किया जा सका है |