Sunday, October 20, 2019

अंतरराष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस क्या है एवं भारत ने सांस्कृतिक विरासत संरक्षण के क्षेत्र में भारत ने 4 यूनेस्को विरासत पुरस्कार जीते

*अंतरराष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस क्या है :-
                                                         अंतरराष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस: 17 अक्टूबर

अंतरराष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस प्रत्येक साल 17 अक्टूबर को मनाया जाता है. इस दिवस का मनाने का उद्देश्य विश्व समुदाय में गरीबी दूर करने हेतु किये जा रहे प्रयासों के संबंध में जागरूकता बढ़ाना है. अंतरराष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस का प्रमुख उद्देश्य विकासशील देशों में निर्धनता को समाप्त करना है |

यह दिवस गरीबी में रहने वाले लोगों के साथ सक्रिय भागीदारी के माध्यम से लोगों को गरीबी से बाहर लाने के प्रयास पर जोर देता है. साथ ही, उनके लिए सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाता है. अंतरराष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस 2019 का थीम “Acting together to empower children, their families and communities to end poverty” है |

संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य में यह बताया गया है कि किसी एक विशेष कारण के चलते नहीं बल्कि भिन्न-भिन्न कारणों की वजह से लोगों को गरीबी में जीवन व्यापन करने हेतु मजबूर होना पड़ता है. केवल आय का साधन एवं आमदनी ही गरीबी का मुख्य कारण नहीं है बल्कि भोजन, घर, भूमि, स्वास्थ्य आदि भी गरीबी के निर्धारण में अहम भूमिका निभाते हैं |

* भारत में गरीबी का कारण :-
                                          भारत में गरीबी का मुख्य कारण बढ़ती जनसंख्या, कमजोर कृषि, भ्रष्टाचार, रूढ़िवादी सोच, जातिवाद, अमीर गरीब में ऊंच-नीच, नौकरी की कमी, अशिक्षा, बीमारी इत्यादि है. भारत एक कृषि प्रधान देश है. इसकी एक बड़ी जनसंख्या कृषि पर निर्भर है. खराब कृषि और बेरोजगारी के कारण से लोगों को भोजन की कमी से जूझना पड़ता है. यही वजह है कि महंगाई ने भी पंख फैला रखे हैं. वहीं भारत में गरीबी का एक प्रमुख कारण बढ़ती जनसंख्या भी है |



* अंतरराष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस के बारे में :-
                                                                 संयुक्त राष्ट्र द्वारा 22 दिसम्बर 1992 को हरेक साल 17 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस मनाये जाने की घोषणा की गयी. इस दिवस पर भिन्न-भिन्न राष्ट्रों द्वारा गरीबी उन्मूलन हेतु प्रयास, विकास एवं विभिन्न कार्यों और योजनाओं को जारी किया जाता है |

यह दिवस पहली बार साल 1987 में फ्रांस में मनाया गया था. इस दिवस में लगभग एक लाख लोगों ने मानव अधिकारों हेतु प्रदर्शन किया था. यह आंदोलन एटीडी फोर्थ वर्ल्ड के संस्थापक जोसफ व्रेंसिकी द्वारा शुरू किया गया था |


*भारत ने सांस्कृतिक विरासत संरक्षण के क्षेत्र में चार यूनेस्को विरासत पुरस्कार जीते :-
                                    भारत ने हाल ही में सांस्कृतिक विरासत संरक्षण के क्षेत्र में चार यूनेस्को विरासत पुरस्कार जीते है. यह पुरस्कार सांस्कृतिक विरासत संरक्षण के क्षेत्र में दिया जाता है. यूनेस्को एशिया प्रशांत पुरस्कार हेतु मुंबई के फ्लोरा फाउंटेन तथा दो अन्य विरासत स्थल सहित कुल चार स्थानों को भारत से चुना गया है |

सांस्कृतिक विरासत संरक्षण हेतु इस पुरस्कार की घोषणा मलेशिया में आयोजित एक समारोह में की गई. इस पुरस्कार हेतु जिन चार स्थानों का चयनित किया गया है, उनमें अहमदाबाद स्थित भारतीय प्रबंध संस्थान का विक्रम साराभाई पुस्तकालय शामिल है. इसके अतिरिक्त ये पुरस्कार केनेसेठ इलियाहू सिनेगाग, ग्लोरी चर्च तथा फ्लोरा फाउंटेन को मिला है. ये तीनों स्थान मुंबई में स्थित है |

* विश्व धरोहर स्थल के बारे में :-
                                           विश्व धरोहर वह स्थल होते हैं जो ऐतिहासिक तथा पर्यावरण के हिसाब से भी महत्वपूर्ण होते हैं. इनका अंतरराष्ट्रीय महत्व होता है. विश्व धरोहर स्थल को बचाये रखने के लिए खास कदम उठाए जाने की जरूरत होती है. संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को ऐसे स्थलों को आधिकारिक तौर पर विश्व धरोहर की मान्यता प्रदान करती है. यूनेस्को कोई भी स्थल जिसे समझता है कि यह मानवता हेतु बहुत जरूरी है. यूनेस्को वैसे स्थल को विश्व धरोहर के तौर पर मान्यता देती है |

यूनेस्को एशिया-प्रशांत पुरस्कार :-
                                             सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण हेतु यूनेस्को एशिया-प्रशांत पुरस्कार की स्थापना साल 2000 में की गयी थी. इस पुरस्कार से उन व्यक्तियों और संस्थाओं को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने ऐतिहासिक धरोहर की इमारतों के संरक्षण हेतु काम किया है. इसका मुख्य उद्देश्य इस प्रकार की इमारतों के मालिकों को भवनों के संरक्षण हेतु प्रेरित करना है |

- यूनेस्को के बारे में :-
                             यूनेस्को का कार्य शिक्षा, प्रकृति तथा समाज विज्ञान, संस्कृति तथा संचार के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय शांति तथा समझबूझ को बढ़ावा देना है. यूनेस्को की स्थापना साल 1945 में की गई थी. इसका मुख्यालय पेरिस में स्थित है. भारत सरकार ने यूनेस्को के साथ सहयोग के लिए साल 1949 में एक अंतरिम 'भारतीय राष्ट्रीय आयोग' का गठन किया था |

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