Monday, October 28, 2019

मूल्यांकन का अर्थ एवं मूल्यांकन के सोपान व मूल्यांकन की प्रविधियां तथा उपकरण

* मूल्यांकन :-
                  ' मूल्यांकन ' अंग्रेजी शब्द ' इवैलुएशन ' ( Evaluation ) का हिन्दी अर्थ है । ' इवैलुएशन ' शब्द का अर्थ किसी तथ्य के संबंध में निर्णय लेने तथा निष्कर्ष निकालने से है । RPSC 2004 ) हिन्दी भाषा का ' मूल्यांकन ' शब्द इसकी व्याख्या स्पष्ट रूप से करता है । ' मूल्यांकन ' शब्द दो शब्दों - मूल्य + अंकन से बना है , जिसका अर्थ है - ' मूल्य आंकना ' ।

                      शिक्षा प्रक्रिया में मूल्यांकन की अहम् भूमिका है । मूल्यांकन हमें शैक्षिक उद्देश्यों की प्राप्ति की सीमा तथा शिक्षण - कार्य की सफलता तथा असफलताओं से अवगत कराकर उनके सुधार हेतु परामर्श देता है । मूल्यांकन हमें छात्रों के व्यवहार में हुए परिवर्तनों से भी अवगत कराता है । इस प्रकार ' मूल्यांकन ' शब्द , उद्देश्य तथा शिक्षण से घनिष्ठ रूप से संबंधित है । उद्देश्य ( साध्य ) , शिक्षण ( साधन ) तथा मूल्यांकन ( प्रमाण ) एक - दूसरे से घनिष्ठ रूप से संबंधित हैं । इनमें उद्देश्य केन्द्रीय स्थान पर आते हैं तथा शिक्षण और मूल्यांकन दोनों सिरों पर आते हैं ।


* मूल्यांकन के सोपान ( Steps of Eveluation ) :-
                                                                  1 . शैक्षिक उद्देश्यों का चयन

2 . शैक्षिक उद्देश्यों का विशिष्टीकरण

3 . स्थिति का ज्ञान

4 . परीक्षण - चयन

5 . परीक्षण तथ प्रविधियों का निर्माण

6 . प्राप्त प्रश्नों का विश्लेषण करना

7 . निष्कर्ष निकालना और यह देखना कि छात्र ने पूर्व - निर्धारित उद्देश्यों की प्राप्ति में किस सीमा तक प्रगति की है अर्थात् उसके व्यवहार में कितना परिवर्तन हुआ है ।


* मूल्यांकन की प्रविधियाँ तथा उपकरण ( Techniques & Tools of Evaluation ):-
                                       1 . प्रमापीकृत प्रविधियाँ व उपकरण :-
                १. बुद्धि परीक्षाएँ

                २. निष्यत्ति परीक्षाएँ
             
                ३.  अभियोग्यता परीक्षाएँ

                ४. रूचि परीक्षाएँ

                ५.  व्यक्तित्व परीक्षाएँ  |

2 . अप्रमापीकृत प्रविधियाँ व उपकरण :-
                                                      ( i ) संचयी आलेख

( ii ) समाजमिति

( iii ) प्रगति प्रतिवेदन

( iv ) . आत्मकथा

( ५ ) निर्धारण मापनी

( vi ) व्यक्ति अध्ययन

( vii ) प्रश्नावली

( viii ) साक्षात्कार |


                 प्रमापीकृत तथा अप्रमापीकृत प्रविधियों तथा उपकरणों का मूल्यांकन में बहुत महत्व है । अप्रमापीकृत साधनों की गत अध्यायों में विवेचना की जा चुकी है । प्रमापीकृत साधनों मेंनिष्पत्ति परीक्षण के अतिरिक्त , सभी परीक्षणों की गत अ यार्यों में विवेचना की जा चुकी है । प्रस्तुत अध्याय के अन्तर्गत निष्पत्ति परीक्षण का अर्थ स्पष्ट किया जा रहा है ।


* मूल्यांकन का क्षेत्र( Scope of Evaluation) :-
                                                                  व्यवहारगत परिवर्तन को 6 पहलुओं के माप से ज्ञात कर सकते हैं -

 ( 1 ) ज्ञान

 ( 2 ) अवबोध

 ( 3 ) प्रयोग

 ( 4 ) विश्लेषण

 ( 5 ) संश्लेषण

 ( 6 ) मूल्यांकन |

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