Monday, October 28, 2019

राजनीतिक समाजीकरण: अवधारणा एवं प्रक्रिया और राजनीतिक संस्कृति का बोध

* राजनीतिक समाजीकरण:  अवधारणा एवं प्रक्रिया :-

                                                                                                       ( 1 ) अर्थ तथा आयाम:-
                                                                                                                                           संस्कृति सिखा गया व्यवहारे व्यक्ति जब जन्म लेता है तब संस्कृति के नाम पर सुननी होता है समाज में रहकर लोगों के साथ अंत क्रिया में भाग लेकर वे समाज के तौर तरीकों को समझने लगता है उस की रीति नीति जानने लगता है और इस प्रकार के जैविक धरातल से उठकर सामाजिक-सांस्कृतिक होने लगता है अपनी और अन्य लोगों की भूमिका एवं उनके साथ जुड़े अधिकारों तथा आभारी का बोध उसे इसी प्रकार होता है किंतु सामाजिकरण की यह प्रक्रिया एक प्रकार आजीवन चलाती रहती है वयस्क होने पर भी उसने स्थितियों के रूप अपने को ढालने की वह नए परिवेश में अपने को व्यवस्थित होने की आवश्यकता होती है |

( 2 ) सामाजिकरण स्तर तथा माध्यम :-
                                                        राजनीतिक समाजीकरण का अध्ययन दोस्तों पर किया जा सकता है व्यक्ति के स्तर पर और प्रणाली के स्तर पर|
            व्यक्तिगत स्तर पर यह प्रश्न पूछा जा सकता है उसे किस प्रकार की माध्यमों से राजनीति दृष्टि से सामाजिक अर्थ हुआ या फिर किसी भी देश में विभिन्न वर्णों के लोग किस स्तर के सामाजिक कार्य प्रणाली के स्तर पर सामाजिक वैज्ञानिक की सूची इस प्रकार के प्रश्नों में होगी राजनीतिक समाजीकरण के कार्य प्रणाली किन बातों का अवश्य गिनती है अर्थात किन बातों पर अधिक बल दिया जाता है राजनीतिक समाजीकरण कहीं माध्यम से किया जाता है कई स्थितियां तो ऐसी होती है जहां पर अनजाने ही राजनीति प्रणाली और उससे संबंधित मूल्यों के बारे में व्यक्ति परीक्षा लेता है

 प्रकट रूप से परिवार बालक का राजनीतिकरण सामाजिकरण करते हैं बालक के माता-पिता यदि सामंती युग में राजा के प्रति अपनी निष्ठा रखते हैं तो उनके शेर्य  की चर्चा घर में किया करते थे तो प्रजातांत्रिक समाजों में विभिन्न दलों राज्यों के प्रति को आदि के बारे में बातचीत करते हैं
 परिवार के बाद दूसरी महत्वपूर्ण संस्था पाठशाला ओझा राजनीतिक समाजीकरण का महत्वपूर्ण प्रकार्य संपन्न होता है नहीं राष्ट्रों में परिवार राजनीतिक समाजीकरण में उतना योजना नहीं देते जितना की पाठशाला और विश्वविद्यालय देते हैं इसका कारण हम पहले बता भी आइए हैं |

* राजनीतिक संस्कृति का बोध:-


                                                                                        वैज्ञानिक शब्दावली में संस्कृत शब्द का उपयोग विकसित अर्थ होता है जब लोग आम चर्चा में अंग्रेजों के काल्लचर शब्द का प्रयोग करते हैं तो उनका तात्पर्य सृष्टि वर्ग की जीवन विधि अथवा साहित्य संगीत और कला की परम परिष्कृत विधाओं से होता है मानव विज्ञान में झांकी अधिकांश आदिवासी समाजों के अध्ययन पर ही प्रारंभ में बल दिया गया संस्कृति को किसी भी समाज की जीवन भी दिखा जाता है

 मानव विज्ञान की यह परिभाषा समाजशास्त्र में आकर थोड़ी सी  हुई और सामाजिक प्रणाली के लक्ष्य को मानकर विश्लेषण करने वाले समाज शास्त्रियों ने जिसमें टालकट पासम का नाम पर मुकेश संस्कृति को सामाजिक प्रणाली से भिन्न प्रणाली के रूप में परिभाषित किया संस्कृति प्रणाली मैसम्मा शास्त्री ना में बातें सम्मिलित करते हैं |

( 1 ) राजनीतिक संस्कृति का बोध:-

                                                                            राजनीति संस्कृति कोई एक दृष्टि से समाज को व्यापक या राजनीति प्रणाली से व्यापक भी हो सकता है राजनीति संस्कृति किसी भी राजनीति प्रणाली के सदस्यों में राजनीति के प्रति पाए जाने अभिमुखीकरण के तीन अंग होते हैं

( 1 ) संज्ञानात्मक अभिमुखन 
( 2 ) अनुरागी अभिमुखन 
( 3 )  मूल्यांकनकारी अभिखन |

 जितना भी कोई शक्ति सीख पाता है उतना ही व्यापक उसका संज्ञानात्मक मानचित्र होता है कोई भी कार्य करते समय वे किसी मानचित्र के सारे अपने लक्ष्य निर्धारित करता है और उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए साधनों के उपलब्ध विकल्पों में से अपने  सुविधा और पसन्द के अनुसार विकल्प का चयन करते हैं 
 संस्कृति के यह तीन आयामों परस्पर  संबंधित होते हैं और कहीं प्रकार के इन तीनों का समिमंन  किसी भी व्यक्ति में पाया जा सकता है |

( 2 )  राजनीति संस्कृति का चित्रण :-

                                                                                    राजनीतिक संस्कृति का चित्रण करना सरल नहीं है राजनीतिशास्त्रयों ने जनमत- संग्रह और  अभिवृत्तियों के सर्वेक्षणों के माध्यम से किसी भी देश की राजनीति संस्कृति को अंकित करने का प्रयास किया है राजनीति के विभिन्न पक्षों नेताओं ढांचा और नीतियों के बारे में लोगों की जानकारी अत्यधिक और सही हो सकती है या छिछली और गलत | 


( 3 ) राजनीति संस्कृति की श्रेणियां:-

                                                                                 प्रजामूलक राजनीति संस्कृति जीने वाले लोग प्रजा होते हैं वे शासन की निवेश प्रक्रिया में कोई योगदान नहीं कर पाते हैं और उनका अभिमुखन केवल निगर्तों क्यों रहता है |
                                    
                                                                         




                                                         

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